इलोन मस्‍क की कहानी Story of Elon Musk in Hindi

जिस व्‍यक्ति के बारे में बात की जा रही है उस व्‍यक्ति की गिनती दुनिया में सबसे जीनियस व्‍यक्तियों में गिनती होती है ये ऐसे व्‍यक्ति है जो लगातार चीजों का आविष्‍कार करते जा रहे हैं और न जाने कितनी बडी-बडी टेक्‍नोलॉजी को इनोवेट करते जा रहे हैं, ये ऐसे व्‍यक्ति है जो लगातार स्‍पेस में कुछ न कुछ भेजते जा रहे हैं इनकी आविष्‍कारों को देखकर ऐसा लगता है कि आने वाला फ्यूचर इनके हाथों में है, जिस व्‍यक्ति के बारे में बात की जा रही है वो स्‍पेस एक्‍स के सीईओ है और उनका नाम एलोन मस्‍क है
Success Story of Elon Musk

इलोन मस्‍क की कहानी Story of Elon Musk in Hindi 

ये अभी बहुत ही Young है इनकी उम्र अभी लगभग 46 साल की है अभी इनकी बातों को सुनकर टेक्‍नोलॉजी के बारे में बहुत कुछ पता चलेगा आइए जाने की वह काम कैसे करते हैं 

इलोन मस्‍क का बचपन Childhood of Elon Musk 

मंस का जन्‍म 28 जून सन् 1971 को Pretoria में हुआ था जो साउथ अफ्रीका में है, ये माई मस्‍क और इलोन मस्‍क के बेटे थे इनके माता पिता बहुत जल्‍दी एक दूसरे से अलग हो गए थे, इलोन मस्‍क ने पिता के साथ रहने का फैसला किया, ये बताते हैं कि जो उन्‍होंने पिता के साथ रहने का डिसीजन लिया था वो बहुत ही डरावना था, क्‍योंकि इनके पिता के साथ इनका रिश्‍ता बहुत ही खराब था, इलोन मस्‍क बहुत ही शांत रहते थे तो इनके पिता इस बात पर ध्‍यान नहीं देते थे मतलब इन्‍हें बचपन में माता पिता से बिल्‍कुल भी प्‍यार नहीं मिला था

इनका बचपन में बहुत ज्‍यादा मजाक उडाया जाता था, इनकी स्‍कूल की जिन्‍दगी बहुत ही ज्‍यादा डराने वाली रही  वहां इनके साथ के बच्‍चे इनको बहुत ज्‍यादा पीटते थे, एक बार की बात इनके साथ पढने वाले इनके साथियों ने इनको सीढियों से नीचे फेक दिया था, इनको केवल किताबो का सहारा था इनको पढने में बहुत ज्‍यादा रूचि थी और ये बहुत ज्‍यादा पढते थे अब खुद सोचिए जो इंसान अकेला रहता है तो वो केवल किताबों की तरफ ही जाता है

इनके एक छोटे भाई का नाम किंबल मस्‍क था जिनका जन्‍म सन् 1972 में हुआ था इनकी अपने छोटे भाई से बहुत ज्‍यादा बनती थी, इलोन मस्‍क की एक छोटी बहन भी है जिनका जन्‍म सन् 1974 को हुआ था जिनका नाम टोस्‍का मस्‍क है, इनके माता पिता सन् 1980 में एक दूसरे से अलग हुए थे इलोन मस्‍क पढाई में बहुत ज्‍यादा रूचि लेते थे तो ये इस वजह से टेक्‍नोलॉजी में बहुत ज्‍यादा Interest लेने लगे थे

उस समय टेक्‍नोलॉजी इतनी ज्‍यादा नहीं हुआ करती थी उस समय कंप्‍यूटर की बस शुरूआत हो रही थी इन्‍होंने उस समय पर एक कंप्‍यूटर प्रोग्रामिंग बना दी और कंप्‍यूटर के बेसिक को खुद से ही सीखने लगे और उसी को इस्‍तेमाल करके इन्‍होंने एक वीडियो गेम बनाया जिसका नाम ब्‍लास्‍टर रखा और बाद में इन्‍होंने उसे बेच दिया था, अगर अभी के समय के हिसाब से देखें तो ये सब चीजें शायद आसान लगे पर उस समय के हिसाब से यह बहुत बडी बात थी

जो बच्‍चों की खेलने की उम्र होती है उस उम्र में ये टेक्‍नोलॉजी के आविष्‍कार में लग गए थे और बारह साल की उम्र में यह पूरी तरह से कंप्‍यूटर की प्रोग्रामिंग में लग गए थे, इलेन मस्‍क कहते हैं कि अगर इनको कोई चीज नहीं आती है तो ये उसको हमेशा सीखने की कोशिश करते हैं, इनकी एक खासियत यह भी है कि ये किसी काम का क्रेडिट खुद से ज्‍यादा अपनी टीम को देते हैं

इलोक मस्‍क की लाइफ Life of Elon Musk 

इलोन मस्‍क उन लोगों में से है जो डिग्री को नहीं Knowledge को ज्‍यादा महत्‍व देते हैं ये बोलते हैं कि अगर किसी के पास डिग्री न भी हो तो भी कोई दिक्‍कत नहीं है बस Knowledge हो तो स्‍पेस एक्‍स में आ जाए और काम करें मुझे डिग्री से कोई मतलब नहीं है मुझे केवल आविष्‍कारों से मतलब है, इन्‍हें भौतिक विज्ञान में शुरूआत से बहुत ही ज्‍यादा दिलचस्‍पी रही है, 17 साल की उम्र में ये कनाडा के Queen University में चले गए सन् 1992 में इन्‍होंने बिजनेस स्‍टेडी की, फिर भौतिक विज्ञान की स्‍टडी की, और आखिर में उनको भौतिक विज्ञान और अर्थशास्‍त्र दोनों की डिग्री मिल गयी 

इनकी पहली बीबी का नाम Justin Wilson था जो एसपाइरिंग राइटर थी इनके पांच बेटे हैं और ये अपनी बीबी से सन् 2008 में अलग हो गए अब ये डिग्री में बैचलर हो चुके थे अब इनको पीएचडी की डिग्री चाहिए थी, इन्‍होंने पीएचडी एप्‍लाइड भौतिक विज्ञान से की पर दो दिन के बाद ही इन्‍होंने उसे छोड दिया था, क्‍योंकि वो Entrepreneur बनना चाहते थे

पहली कंपनी कब बनाई When Made First Company

सन् 2002 में इन्‍हें अमेरिकी नागरिकता दे दी गयी थी, पहले बात की जा चुकी है कि स्‍पेस एक ऐसी चीज थी जिसने इन्‍हें बहुत ज्‍यादा आकर्षित किया सन् 1995 में इन्‍होंने अपने भाई किंबल के साथ Zip 2 नाम की एक वेब सॉफ्टवेयर कंपनी को बनाया, जब भी किसी कंपनी की शुरूआत की जाती है तो सबसे पहले पैसे की जरूरत होती है तो इलोन मस्‍क के पास पैसा नहीं था, इलोन मस्‍क ने बहुत ही चतुराई से चीजों को इस्‍तेमाल किया 

इनकी कंपनी के लिए Angel Investors ने इनकी कंपनी के लिए पैसा इकठ्ठा किया, इलोन मस्‍क इस कंपनी के चेयरमैन बनना चाहते थे पर बोर्ड मेंमरों ने इन्‍हें इसके लिए साफ तौर पर मना कर दिया तो इन्‍होंने कंपनी Zip 2 को Compac कंपनी को बेच दिया इस कंपनी को बेचकर इनको 22 मिलियन यूएस डॉलर मिले  क्‍योंकि उस कंपनी में इनके शेयर की कीमत 7 प्रतिशत थी

सन् 1999 में इन्‍होंने X.com को बनाया था, ये कंपनी बाद में Paypal बन गयी अभी Paypal दुनिया की बहुत बडी कंपनी है ये बिल्‍कुल पेटीएम की तरह काम करती है इन्‍होंने इस कंपनी को ईबे कंपनी को सन् 2002 में बेच दिया, इस कंपनी को बेचने पर इलोन मस्‍क को 165 मिलियन डॉलर मिले थे अब इतना पैसा मिलने के बाद इनके पास दो ऑप्‍शन थे या तो ये आराम से बैठकर जिन्‍दगी को आराम से काट सकते थे और दूसरा ऑप्‍शन यह था कि पैसे को इंवेस्‍ट करके और बिजनेस करें तो इन्‍होंने दूसरे ऑप्‍शन को चुना और पैसे को इंवेस्‍ट करना शुरू कर दिया 

इलोन मस्‍क की सफलता की कहानी Success Story of Elon Musk 

इलोन मस्‍क चाहते है कि मंगल ग्रह को पूरी तरह से कोलेनाइज किया जाए जिसको इन्‍होंने मार्स ओसिस का नाम दिया है, ये इनका ऐसा सपना है जो अभी तक पूरा नहीं हो पाया है, ये सोचते हैं कि चंद्रमा और मंगल ग्रह पर ह्यूमन कल्‍चर को लेकर जाया जाए ताकि जब धरती खत्‍म हो तो इंसानों के पास रहने के लिए कोई जगह तो रहे, इलोन मस्‍क चाहते हैं कि मंगल पर जरूरत की सभी चीजों को सेट कर दो ताकि आने वाली जनरेशन को कोई समस्‍या न हो 

सन् 2002 में स्‍पेस एक्‍स की स्‍थापना की शुरूआत होने लगी  स्‍पेश एक्‍स का आइडिया अब जन्‍म लेने लगता है, अब इनको रॉकेट को बनाने के लिए सामान की जरूरत पडने लगी तो सामान लेने के लिए ये रूस गए, रूस से यह खाली हाथ आएं इनकी रूस में जो मी‍ंटिग हुई वो बहुत खराब थी ये सारी बातें सन् 2001 में हुई थी

अब सोचने वाली बात यह कि इन्‍हें रॉकेट बनाने की जरूरत क्‍यों थी क्‍योंकि जब भी स्‍पेश में सैटेलाइट को भेजना होता है तो किसी न किसी मीडियम से ही भेजना होता है तो वहां पर रॉकेट की जरूरत होती है, ये बिल्‍कुल उसी तरह से होता है जैसे अगर एक जगह से दूसरी जगह पर जाना होता है तो किसी न किसी मीडियम की जरूरत होती है जैसे बस, ट्रेन इत्‍यादि 

इलोन मस्‍क ने हर चीज को कैलकुलेट किया कि किसमें कितना खर्चा आएंगा और बाकि चीजों के बारे में सोचकर स्‍पेस एक्‍स जिसका पूरा नाम स्‍पेस एक्‍सप्‍लोरेशन टेक्‍नोलॉजी कोरपोरेशन है को सन् 2002 में बना दिया, जहां से इलोन मस्‍क की किस्‍मत बदलने लगी थी, हांलाकि इलोन मस्‍क तीन कंपनियों के मालिक है, स्‍पेस एक्‍स के तो यह पूरे मालिक है इसके अलावा इनकी एक कंपनी सोलर सिटी है और इनकी तीसरी कंपनी का नाम टेस्‍ला मोटर्स है

टेस्‍ला कंपनी ऐसी कार बनाती है जिनमें ड्राइवरों की जरूरत ही नहीं होती और वो पूरी तरह से बिजली पर चलती है
Space X kya hai

स्‍पेश एक्‍स क्‍या है What is Space X

इलोन मस्‍के के पास 100 मिलियन डॉलर थे इन्‍होंने उस पैसे से स्‍पेस एक्‍स को लॉन्‍च किया इस कंपनी की पूरी की पूरी टेक्‍नोलॉजी को इलोन मस्‍क ही देखते हैं, अब सोचने वाली बात यह है कि आखिर स्‍पेश एक्‍स आखिर क्‍या काम करती है तो जान लें कि स्‍पेस एक्‍स रॉकेट बनाती है अभी हर किसी ने फॉलकम सीरिज के बारे में जरूर सुना होगा वो पूरी सीरिज स्‍पेस एक्‍स के द्वारा बनाई गई थी

ये रॉकेट सैटेलाइट को ले जाते हैं और लोअर ऑरबिट पर छोड देते हैं, ये सैटेलाइट किसी भी तरह की हो सकती है, स्‍पेस की सारे कामों को करने का काम स्‍पेस एक्‍स का है, इस कंपनी ने जो पहला स्‍पेसक्राफ्ट बनाया था उसका नाम ड्रैगन था जब इसे सन् 2008 में लॉन्‍च किया जाता है तो वो किसी कारण वश फेल हो गया था इससे इलोन मस्‍क को बहुत ज्‍यादा घाटा हुआ था क्‍योंकि इस तरह के मिशनों को पूरा करने के लिए मिलियन मिलियन डॉलर लगते हैं और जब ये फैल होते हैं तो नुकसान भी बहुत बडा होता है

इलोन जब भी किसी काम के लिए किसी टीम को चुनते हैं तो बहुत ही सोच समझकर चुनते हैं वह बोलते हैं कि भले ही डिग्री बडी न हो पर काबलियत बडी होनी चाहिए, सन् 2012 में इन्‍होंने इस कंपनी के दो तिहाई शेयर को अपने अंडर में ले लिया अगर फडिंग की बात करें तो इन्‍हें लगातार बडी-बडी कंपनियों जैसे गूगल, अमेजॉन इत्‍यादि से मिलती रहती है, ये एक प्राइवेट कंपनी है इसको फडिंग की जरूरत होती है, पर अभी के समय में ये कंपनी इतनी बडी हो गयी है कि ये लाभ कमा-कमा कर काम करते जा रही है

इलोन मस्‍क बोलते हैं कि अब वह प्रथ्‍वी की चारों तरफ स्‍टार लिंक को बिछाना चाहते हैं, स्‍टार लिंक का मतलब है कि ये सैटेलाइट और छोटे-छोटे नेटवर्क के स्‍टेशन होंगे जो पूरे के पूरे दुनिया को फ्री इंटरनेट दिया करेंगे, सन् 2015 में स्‍पेस एक्‍स को गूगल से 1 मिलियन डॉलर मिले थे जैसे ट्रेन, और बसों के स्‍टेशन होते हैं उसी तरह से इन रॉकेटों को लॉन्‍च करने के लिए भी स्‍टेशन होते हैं जहां से रॉकेटों को लॉन्‍च किया जाता है

आर्टिफिशयल इंटेलिजेस क्‍या है What is Artificial Intelligence

इलोन मस्‍क आर्टिफिशयल इंटेलिजेस को लेकर बहुत ज्‍यादा चितिंत है वो कहते हैं कि ये एक ऐसी चीज है जो तीसरे विश्‍व युद्ध तक को करा सकती है, इससे बचकर रहना चाहिए, इलोन मस्‍क बोलते हैं कि ये ऐसी चीज है जो सबसे पहले जॉब पर अटैक करेगी जो सबसे बडा खतरा है और उसके बाद धीरे-धीरे हर चीज को अपने अंडर में ले लेगी आइए जानें कि आर्टिफिशयल इंटेलिजेस क्‍या है

ये एक हाई लेवल कंप्‍यूटर प्रोग्रामिंग होती है और ये भौतिक विज्ञान का पूरा एक नेटवर्क होता है इसमें सेंसर लगाए जाते हैं और कंप्‍यूटर प्रोग्रामिंग की जाती है जिससे वो खुद सीखता है जैसे एक बच्‍चा धीरे-धीरे बडा होता है और सीखता जाता है उसी तरह आर्टिफिशयल इंटेलिजेस के रॉबोट या जो भी वो बनाएंगे वो भी खुद काम करते जाते हैं

इन सब चीजों को जब एक साधारण व्‍यक्ति सीखता है तो उसे सालों लग जाते हैं आर्टिफिशयल इंटेलिजेस के साथ ऐसा नहीं है ये हर काम को बहुत जल्‍दी सीख जाता है, इलोन मस्‍क बोलते हैं कि जब तक आर्टिफिशयल इंटेलिजेस को अच्‍छे से न जान ले तब तक इसे दैनिक जीवन में नहीं लाना चाहिए

इलोन मस्‍क इसका सॉल्‍यूशन भी देते हैं वो कहते हैं कि ये सब चीजें अगर सरकार के कंट्रोल में आ जाए तो ये रूक सकता है क्‍योंकि अभी ये सब प्राइवेट कंपनियों के हाथ में है और वो केवल प्रोफिट के बारे में सोचती है, ये कंपनी इंसानों के बारे में बिलकुल नहीं सोचती है वो केवल मशीन बनाने के बारे में सोचती है और अगर इस डिजिटल इंटेलिजेस को आगे बढाना है तो इसको बहुत साव‍धानियों के साथ आगे बढाना होगा क्‍योंकि अभी ज्‍यादातर लोगों को यह भी नहीं पता है कि आर्टिफिशल इंटेलिजेस होती क्‍या है

इलोन मस्‍क बोलते हैं कि आर्टिफिशयल इंटेलिजेस से जब तक बचें जब तक उसके बारे में पूरी तरह से जान नहीं लें क्‍योंकि इसके बारे में अभी कुछ भी नहीं पता है कि ये कैसे Behave करती है

रॉकेट की पहली सीरिज First Series of Rocket

इलोन मस्‍के के खुद के पास किसी भी तरह की रॉकेट साइंस की डिग्री नहीं है और न ही इन्‍होंने पीएचडी कर रखी है इन्‍होंने किताबों से ज्ञान को बढाया है और पूरी तरह से स्‍पेस के बारे में स्‍टडी किया है, इन्‍होंने नामुमकिन कामों को मुमकिन करके दिखाया है, अभी का समय ऐसा है जिसमें लोग डिग्री को बहुत ज्‍यादा महत्‍व देते हैं इलोन मस्‍क ऐसे नहीं है वो केवल काबलियत को महत्‍व देते हैं

जब स्‍पेस एक्‍स पूरी तरह बनकर तैयार हो गई तो सन् 2006 में नासा स्‍पेस एक्‍स के साथ कुछ समझौता करती है, नासा का ये प्रोग्राम 1.6 बिलियन डॉलर Commercial Resupply Service प्रोग्राम का था जिसमें स्‍पेस एक्‍स को बोला गया कि वह उनके लिए Falcon 9 राॅकेट की 12 फ्लाइट बनाएं और सन् 2008 में जब इनको ये Contract मिला उस समय Falcon 1 के बहुत सारे फेलियर हुए 

दिसंबर सन् 2013 में यह पूरी Falcon सीरिज को लॉन्‍च कर देते हैं, ये रॉकेट प्रथ्‍वी के ऑरबिट में घूमते हैं, जब सैटेलाइटों को भेजना होता है तो रॉकेट में सैटेलाइटों को रखा जाता है या कुछ और भी सप्‍लाई करना होता है तो उसको रखा जाता है इसके बाद स्‍पेस स्‍टेशन पर भेजा जाता है, अगर सैटेलाइट की बात करें तो इसको एक सही ओरबिट में छोडा जाता है और जो प्रथ्‍वी घूमती है ये Properly उसके साथ Synchronize होती है ताकि सही तरह से वो चीजों को लोकेट कर सकें

सैटेलाइट क्‍या होती है What is Satellite

इसी वजह से दो तरह की सैटेलाइट होती है एक पोलर सैटेलाइट और दूसरी जियोसिक्रोनंस सैटेलाइट होती है, जियोसिक्रोनंस सैटेलाइट ऐसी सैटेलाइट होती है जो स्थिर होती है मतलब जिस तरह से प्रथ्‍वी घूमती है उसी तरह से ये सैटेलाइट घूमती है इसी वजह से इन सैटेलाइटों का प्रथ्‍वी का चक्‍कर लगाने का समय 24 घंटे का होता है, पोलर सैटेलाइट ऐसी सैटेलाइट होती है जो स्थिर नहीं होती है और इन सैटेलाइटों का समय पूरे एक साल का होता है

रॉकेट इन सैटेलाइटों को ऊपर पहुंचाते हैं और इसमें जो Thrusters लगे होते हैं वैसे तो इनको इस्‍तेमाल नहीं किया जा सकता पर Falcon 9 में इनको ऐसा बना दिया है कि इनको फिर से इस्‍तेमाल किया जा सकता है, अब इनको फिर से इस्‍तेमाल कर सकते हैं, किसी भी सैटेलाइट को सही ऑरबिट में छोडने का बहुत बडा काम होता है ताकि वो सैटेलाइट सही ऑरबिट को पकड सकें

इसके बाद स्‍पेस एक्‍स ने कभी पीछे मुडकर नहीं देखा  उसे जो भी प्रोजेक्‍ट मिलें उन्‍हें वो पूरा करते चले जा रहे हैं, इनकी लगातार सक्‍सेस ने इलोन मस्‍क को तो एक तरह से स्‍पेस में ही पहुंचा दिया है, सन् 2017 में इस कंपनी ने कमाल कर दिया इन्‍होंने Falcon के उन पॉर्ट को फिर से इस्‍तेमाल किया जो पहले इस्‍तेमाल हो चुके थे और एक नया रॉकेट बनाकर उसे स्‍पेस में भेज दिया 

सन् 2018 में इन्‍होंने एक डमी कार को बनाकर स्‍पेस में पहुंचा दिया, पहले बात की जा चुकी है कि इलोन मस्‍के के पास तीन कंपनियां है, इलोन मस्‍क की एक कंपनी है जिसका नाम टेस्‍ला है उसके बारे में अभी कुछ समय पहले इलोन मस्‍क ने यह बोला था कि वो अपना समय टेस्‍ला को नहीं दे पा रहे हैं

इलोक मस्‍क की कंपनी Company of Elon Musk

टेस्‍ला एक ऐसी कंपनी है जो इलैक्टिक वाहन बनाती है और आने वाले समय में यह कंपनी ऐसी कार बनाने वाली है जो बिना ड्राइवर के चलेगी, सन् 2008 में इलोन मस्‍क ने टेस्‍ला का पूरा कार्यभार संभाला था, यह बात जान लें कि टेस्‍ला ने पहली बार इलैक्टिक मोटर कार बनायी थी जो स्‍पोटर्स कार थी इन्‍होंने इसे सन् 2008 में लॉन्‍च किया था उस समय 2500 कारें 31 देशों में बिकी थी आप खुद सोचिए ये ऐसी कार थी जो बिना फ्यूल के चलती थी

इसके अलावा इनके पास सोलरसिटी नाम की भी एक कंपनी है इस कंपनी को सन् 2006 में शुरू किया गया था, ये बहुत बडी कंपनी है जो सोलरसिस्‍टम और सोलरपैनलों को बनाती है, टेस्‍ला कंपनी की नेट वर्थ सन् 2016 तक 13.2 बिलियन डॉलर थी, इनकी स्‍पेस एक्‍स जो कंपनी है उसने इनको बहुत ऊपर पहुंचा दिया है सन् 2017 तक इस कंपनी की नेट वर्थ 20 बिलियन डॉलर से ज्‍यादा हो गयी थी ये स्‍पेस एक्‍स के लिए बहुत बडी बात है कि इस कंपनी ने इतने कम समय में इस कंपनी ने इतनी ज्‍यादा ऊपर चली गयी है

इलोन मस्‍क ने एक फॉउडेशन बना रखा है जिसका नाम मस्‍क है जो लोगों की बहुत मदद करती है, इलोन मस्‍क अमेरिका की पोलिटिकल पार्टीज को भी प्रोमोट करते हैं तो आज इलोन मस्‍क के बारे में ज्‍यादा से ज्‍यादा बताने की कोशिश की है आपसे इतना अनुरोध है कि इनके इंटरव्‍यू को एक बार जरूर देखें ये बहुत ही अच्‍छी बाते बोलते हैं और दी गई जानकारी पसंद आई तो ज्‍यादा से ज्‍यादा शेयर करें 

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