इंटरनेट सिक्‍योरिटी क्‍या है What is Internet Security in Hindi

प्रॉक्‍सी सर्वर Proxy Server

Proxy Server एक ऐसा कंप्‍यूटर सिस्‍टम होता है जो यूज़र और सर्वर के बीच Intermediate की तरह काम करता है जब भी कोई यूज़र किसी जानकारी को Internet पर सर्च करता है तो Proxy Server उस Request को सर्वर तक पहुँचाता है और अगर कोई जानकारी सर्वर को यूज़र तक पहुँचानी हो तो Proxy Server ही Intermediate की तरह काम करता है

माना कि अगर किसी यूज़र ने किसी Website को सिस्‍टम पर टाइप किया तो Proxy Server उस Request को सर्वर तक पहुँचाता है और उस Website को यूज़र को Open करके देता है, अगर कोई एक यूज़र कोई Website Access करता है तो Proxy Server उस जानकारी को Save कर लेता है और अगर फिर कोई दूसरा यूज़र उसी Website को Access करता है तो Proxy Server उसे अपने Cache से वो जानकारी दे देता है

इंटरनेट सिक्‍योरिटी क्‍या है What is Internet Security in Hindi Internet Security क्‍या है

ब्‍लॉक वेबसाइट भी ओपन करें Block Website also open 

इंटरनेट को बिना IP Address के नहीं चला सकते क्‍योंकि हर कंप्‍यूटर का अपना एक IP Address होता है जिसकी मदद से ही कंप्‍यूटर की लो‍केशन का पता चलता है अगर किसी एक IP Address पर कोई Website Block होती है तो उस Website पर भी Proxy Server की मदद से Access कर सकते हैं, जब किसी Block Website को Proxy Server की मदद से Open करते हैं तो वो सिस्‍टम के IP Address को छुपा देता है जिससे उस Website पर Access कर सकते हैं

आजकल Proxy को बहुत सारी जगह Use किया जा रहा है जैसे कंप्‍यूटर का IP Address छुपाने के लिए, Blocked Websites को Access करने के लिए, By Pass इत्‍यादि करने के लिए सभी जगह Proxy Servers का Use बहुत होता है

एप्‍लीकेशन गेटवे Application Gateway 

अभी के समय में इंटरनेट बहुत जरूरी है जब किसी Website पर Access किया जाता है Gateway की मदद से किया जाता है 

Gateway एक हार्डवेयर या सॉफ्टवेयर डिवाइस होता है जो एक Gate की तरह काम करता है ये कुछ भी हो सकता है जैसे Router, Server Etc जो किसी भी Traffic को आने और जाने देता है

यह बिलकुल एक Bridge की तरह काम करता है जैसे एक Bridge एक साइड को दूसरी साइड से जोड़ता है उसी प्रकार Gateway दो समान या दो असमान नोड्स को आपस में जोड़ता है ये एक Inter Operating System होता है जो एक साथ बहुत सारे नेटवर्कों को एक साथ Connect कर सकता है

यह लोकल नेटवर्क की सिक्‍योरिटी को देखता है और इसका काम लोकल नेटवर्क से पब्लिक नेटवर्क को जोड़ने का होता है इसमें NAT तकनीक का इस्‍तेमाल किया जाता है, NAT की Full Form Network Address Translation होती है, ये एक Computer के IP Address को Local Computer में Translate करती है जब कोई दूसरा यूज़र कंप्‍यूटर के इंटरनेट में Access करने की सोचता है तो वो बस Router के IP Address को देख पाता है पर उसमें Access नहीं कर पाता क्‍योकि Router भी अपनी एक Firewall बनाता है

वैसे ये Gateway ही होता है जिसकी मदद से डाटा को कहीं भी और कभी भी भेज सकते हैं अगर देखा जाएं तो Gateway के बिना कंप्‍यूटर का कोई मतलब नहीं, Gateway के बिना बहुत से Hardware और Software का Use नहीं किया जा सकता Gateway की मदद से बहूुत से Software का Use कर सकते हैं जैसे ई-मेल, Online कुछ भी देख सकते हैं, Internet पर कहीं भी Browsing कर सकते हैं

Gateway का काम Networks को Join करने का होता है जिससे दो Networksआपस में एक दूसरे से Communicate कर सके, एक Gateway को किसी सिस्‍टम में केबल या Hardware के जरिये डाल सकते हैं या फिर किसी Software को Install कर कर डाल सकते हैं कुछ पस्थितियों में Gateway फायरवॉल या Proxy Server की तरह भी काम करता है, ये उन सारी जानकारियों को अपने अन्‍दर रखता है जो उसके लिए जरूरी है जैसे Communication के लिए Network में कौन सा Routing Path जरूरी है

Gateway दो प्रकार के होते हैं

  1. Unidirectional Gateways - इसके नाम से पता चलता है कि ये एक दिशा में डाटा को जाने देता है डाटा को आने की Permission नहीं देता
  2.  Bidirectional Gateways - इसमें डाटा जा भी सकता है और आ भी सकता है

टाइम बॉम्‍ब Time Bomb 

ये एक तरह का वायरस ही होता है जो किसी कंप्‍यूटर में एक निश्चित समय पर Active होता है और किस समय तक उसे Active रखना है वो समय भी निश्चित किया जाता है ये आमतौर पर Beta Software में Use किया जाता है एक उदाहरण के लिए एक Time Bomb को Microsoft Vista Beta 2 के लिए Design किया गया था जिसकी Expire होने की तारीख पहले से ही निश्चित की गयी थी 31 मई सन् 2007, Time Bomb को ज्यादातर उन Software में Use किया जाता है जो Software Trial की तरह Use करने होते हैं उसके बाद ये Time Bomb उन Software को अपने आप खत्‍म कर देता है

पहली बार Time Bomb का उपयोग Scribe Markup Language में Word Processing System में किया गया था और इसका उपयोग करने वाले Brian Reid थे उसके बाद Reid ने इसे Scribe System को बेच दिया और यह सहमति बनी कि कोई भी Software या किसी Free Copied फाइल 90 दिनों तक Active रहेगी उसके बाद उसे Deactivate कर दिया जायेगा अगर कोई यूज़र यह चाहता है कि उसका Software Deactivate न हो तो उसके लिए उसे Scribe System को Pay करना होगा

लॉजिक बॉम्‍ब Logic Bomb 

यह किसी कंप्‍यूटर के लिए कोड होता है जिसे कंप्‍यूटर की मेमोरी या किसी Software में डाला जाता है, ये किसी एक Particular Situation में आते ही Active हो जाते हैं, इसे स्‍लैम डोग के रूप में भी जाना जाता है, वैसे इसे वायरस नहीं बोल सकते है पर ये कुछ Conditions में एक वायरस की तरह ही काम करता है, यह अपने किसी भी Codes की नकल नहीं कर सकता है अगर किसी सिस्‍टम में लॉजिक बॉम्‍ब Active हो जाता है तो वो डाटा को Corrupt कर सकता है या किसी Software को भी काम करने के लिए Unuseful कर देता है

एक Incident सन् 1982 में हुआ था जिसका नाम Trans-Serbia Pipeline Incident था वो Logic Bomb की वजह से हुआ था इसमें Control System के Plans को चोरी करने का आरोप एक Canadian Firm पर लगा था कि वो Firm Serbian Project को बंद कराना चाहती थी
Hacker कंप्‍यूटर पर Access कैसे करते हैं

पैचिज़ Patches 

Patches किसी कंप्‍यूटर Programs में ऐसे Codes होते हैं जो किसी सॉफ्टवेयर को Installed करते समय या उसे सही करते वक्‍त लगा दिए जाते है Patch किसी सॉफ्टवेयर के Program को सही करने का काम करता है या उस Software की Speed को बढाने का काम करता है जिससे काम जल्‍दी हो सकें 

Patches का इस्‍तेमाल दो तरीके से किया जाता है एक सही काम के लिए और एक गलत काम के लिए सही काम के लिए, Patches किसी सॉफ्टवेयर या किसी Program को Autoupdate पर रहता है और उसे ठीक कर देता है और कुछ Patches का उपयोग गलत कामों के लिए किया जाता है जैसे किसी Software को कही से ख़रीदा और अपने सिस्‍टम में Install किया तो कुछ Hackers उसे Hack करके समय से पहले ही Active कर देते हैं इसीलिए जब भी Patches का इस्‍तेमाल करें बहुत सावधानी से करें जिससे Softwares और Programs को कोई हानि न पहुंच सकें

Patches के लिए आईटी वालों का बहुत बडा योगदान होता है क्‍योंकि इसका पहले परीक्षण आईटी वाले करते हैं ताकि कोई भी Hacker इसका गलत उपयोग न कर सकें 

मास्‍क्‍वेर्डिंग Masquerading 

इसमें नकली Identity बनाकर सिस्‍टम पर हमला किया जाता है और सभी Personal Files को देख सकता है, अगर सिस्‍टम पूरी तरह से सुरक्षित नहीं है तो सिस्‍टम पर Masquerading हो सकती है जब भी कोई Hacker कंप्‍यूटर पर हमला करता है तो वो खुद की Identity को छुपा लेता है और यूजर के सिस्‍टम को Use करने लगता है  

वैसे तो हर सिस्‍टम का अपना एक IP Address होता है पर Hacker किसी दूसरे सिस्‍टम से Spoofing के माध्‍यम से कंप्‍यूटर में Access कर सकता है उससे Hacker के सिस्‍टम का IP Address वही हो जाता है जो यूजर के सिस्‍टम का है इससे वो सिस्‍टम में Access करके कंप्‍यूटर से कोई भी डाटा निकाल सकता है

निगरानी रखना  Eavesdropping 

Eavesdropping का मतलब चोरी से किसी की बाते सुनना होता हैं इसमें कोई तीसरा व्‍यक्ति दो व्‍यक्तियों की बातों को सुन सकता है और उस व्‍यक्ति के बारे में उन दो व्‍यक्तियों को कोई जानकारी नहीं होती Eavesdropping किसी भी माध्‍यम से हो सकती है चाहे वो फोन कॉल हो, ई-मेल कॉल हो या इंटरनेट कॉल हो

आज कल Hackers नये-नये तरीकों से बातों को सुन सकते हैं चाहे वो Digital Conversation ही क्‍यों न हो जो Calls IP Address Communication के द्वारा की जाती है वह Record होती है और Protocol Analyser में Hackers उन Files को Audio Files में Convert करते हैं व्‍यक्तियों की बातों को सुनते हैं, Eavesdropping Data Sniffing का एक ऐसा तरीका है जो Local Networks पर ही काम करता है

वैसे तो Eavesdropping का इस्‍तेमाल उन लोगों पर किया जाता है जिनपर संदेह होता है कि वे लोग गलत काम करते हैं पर आज कल कुछ लोग इसका इस्‍तेमाल लोगों को परेशान या उनकी बाते सुनने के लिए करते हैं, Eavesdropping भारत में illegal हैं पर कुछ लोगों ने इसे अपनी आमदनी का जरिया बना रखा है
 
आशा है Internet Security से रिलेटेड जो बातें आपका बताई गई हैं वह आपको जरूर पसंद आई होगी अगर हां तो अपनी राय कमेंट करके जरूर बताएं धन्‍यवाद 

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