कंप्यूटर के कंपोनेंट्स क्या है What are Components of Computer in Hindi
जैसे कंप्यूटर को चलने के लिए इनपुट, प्रोसेसिंग यूनिट, स्टोरेज और आउटपुट की आवश्यकता होती है जिसमें इनपुट किसी भी कंप्यूटर का सबसे महत्वपूर्ण भाग होता है बिना इसके यूजर किसी भी काम को नहीं कर सकता ये कंप्यूटर को Instruction देने के काम में आता है इसके उदाहरण की-बोर्ड, माउस इत्यादि होते हैं
प्रोसेसिंग यूनिट में जब कंप्यूटर को कोई इनपुट दिया जाता है तो वह डाटा को प्रोसेस करने के बाद उसे आउटपुट के लिए भेजता है इसे सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट या सीपीयू कहा जाता है, स्टोरेज दिए गए डाटा को अपनी मेमोरी में स्टोर कर लेता है जिससे अगर दुबारा उसी काम को किया जाता है तो उसका आउटपुट तुरंत मिल जाता है
कंप्यूटर के कंपोनेंट्स क्या है What are Components of Computer in Hindi
सेट्रल प्रोसेसिंग यूनिट Central Processing Unit ( CPU)
सीपीयू की फुल फॉर्म सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट होती है इसको कंप्यूटर का दिमाग भी कहा जाता है, यह दिए गए इनपुट को प्रोसेस करने के बाद आउटपुट देता है, कंप्यूटर के जितने भी काम और उसमें जितने भी डिवाइस होते हैं उन्हें चलाने का काम CPU का होता है
अगर मान लीजिए कि सीपीयू इतना छोटा हो जाए कि वो एक चिप पर आ जाए तो उसे माइक्रोप्रोसेसर कहा जाता है, माइक्रोप्रोसेसर का इस्तेमाल मोबाइल फोन में किया जाता है, सीपीयू के तीन महत्वपूर्ण भाग होते हैं
कंट्रोल यूनिट Control Unit (CU)
CU को कंट्रोल यूनिट कहा जाता है किसी कंप्यूटर में जितने भी बाहरी डिवाइस लगे होते हैं जैसे कीबोर्ड, माउस, प्रिंटर, इत्यादि इनको प्रोसेस कराने का काम कंट्रोल यूनिट का होता है
मेमोरी यूनिट Memory Unit (MU)
MU को मेमोरी यूनिट कहा जाता है ये कंप्यूटर के अंदर के डिवाइस को देखता है इसके अंतर्गत जो डिवाइस आते हैं वो रैम, हार्ड डिस्क इत्यादि है, ये सारे डिवाइस कंप्यूटर की मेमोरी से कनेक्ट होते हैं
अर्थमैटिक लॉजिक यूनिट Arithmetic Logic Unit (ALU)
जब भी कंप्यूटर पर कोई काम किया जाता है तो मेमोरी यूनिट और कंट्रोल यूनिट की मदद से किया जाता है जैसे से कीबोर्ड से राम लिखना हो तो वो कंट्रोल यूनिट के द्वारा लिखा जाएगा पर उसकी प्रोसेसिंग का काम मेमोरी यूनिट में रैम के द्वारा किया जाता है
कंट्रोल यूनिट और मेमोरी यूनिट जब किसी ऑपरेशन को Compile करते हैं तो वह काम Arithmetic Logic Unit का होता है
कंट्रोल यूनिट Control Unit ( CU)
मान लीजिए अगर कंप्यूटर से कुछ टाइप करना है और अब उसका आउटपुट चाहिए तो कंप्यूटर को यह पता नहीं होता है कि उसे वह डाटा कहा आउटपुट देना है, सिस्टम को यह बताने का काम कंट्रोल यूनिट का होता है
कंट्रोल यूनिट बहुत सारे Resistors के गेट से बना होता है जैसे सीपीयू को कोई कैलकुलेशन का डाटा दिया जाए तो मेमोरी यूनिट उस डाटा को देखकर उसको ALU के पास भेजता है क्योंकि उसका काम सभी कैलकुलेशन को हल करने का होता है, ये यूजर द्वारा दिए गए डाटा को हल करके उसे फिर से कंट्रोल यूनिट के पास भेजता है और कंट्रोल यूनिट उस रिजल्ट को स्क्रीन पर दिखाता है
जैसे सिस्टम से किसी डाटा को पेनड्राइव में कॉपी करना हो तो सिस्टम के जिस पार्ट से डाटा चाहिए उसे वहां से कॉपी करना होता है और फिर पेनड्राइव में पेस्ट कर करना होता है, यहां सब काम मेमोरी यूनिट देखती है कि डाटा को स्क्रीन पर दिखाना है या नहीं तो इसलिए डाटा पेनड्राइव में आसानी से सेव हो जाता है
अगर सिस्टम में कंट्रोल यूनिट न हो तो सीपीयू को पता नहीं चल पाएगा कि उसे डाटा कहां से लेना है और कहां पर पेस्ट करना है इसलिए सीपीयू में कंट्रोल यूनिट का बहुत बड़ा योगदान होता है बिना कंट्रोल यूनिट के सीपीयू को यह नहीं पता होता है कि किसी भी डाटा का आउटपुट कहा देना है
अर्थमैटिक लॉजिक यूनिट Arithmetic Logic Unit (ALU)
ALU किसी भी कंप्यूटर का ऐसा पार्ट होता है जो बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण होता है और अगर पावर की बात करें तो ये चलने के लिए सबसे ज्यादा पावर लेता है, ये अलग-अलग लॉजिकल फंक्शन के लिए काम में आता है जैसे अगर कैलकुलेशन करनी है तो एएलयू की आवश्यकता होती है
ALU के भी दो पार्ट होते हैं
AU (Arithmetic Unit)- इसका पूरा नाम Arithmetic Unit होता है, ये ALU में केवल Mathematical कैल्कुलेशन करने के काम में आता है
LU (Logical Unit) - इसका पूरा नाम लॉजिक यूनिट होता है, इसमें केवल लॉजिक कैलकुलेशन होती है
ALU CPU के अंदर सबसे बडा और सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा होता है, आपने कंप्यूटर में गेट्स के बारे में जरूर सुना होगा जैसे NAND, AND, NOR इत्यादि इनका इस्तेमाल ALU में किया जाता है, इन गेट्स को मिलाकर ALU बनाया जाता है जो लॉजिक ऑपरेशन को परफॉर्म करता है
इंजीनियर इन्हीं गेट्स का इस्तेमाल करके किसी भी Structure को और Complicated बना सकते हैं या फिर बहुत ज्यादा पावरफुल बना सकते हैं, ये सब इंजीनियरों पर Depend करता है कि वे कम पावर खर्च होने वाले लॉजिक गेट्स कैसे बना सकते हैं
मेमोरी यूनिट Memory Unit (MU)
जब भी कंप्यूटर, लैपटॉप या मोबाइल फोन इस्तेमाल किया जाता है तो वहां मेमोरी यूनिट का नाम जरूर आता है, मेमोरी यूनिट का मुख्य काम किसी भी डेटा को स्थायी या अस्थायी रूप से अपने पास सेव करने का होता है, इसे स्टोरेज डिवाइस भी बोलते हैं
मेमोरी दो प्रकार की होती है एक इंटरनल मेमोरी और दूसरी एक्सटर्नल मेमोरी होती है एक्सटर्नल मेमोरी को बाहर से लगाया जाता है और इंटरनल मेमोरी सिस्टम में होती है, इंटरनल मेमोरी के उदाहरण रैम, रोम है और एक्सटर्नल मेमोरी के उदाहरण हार्डडिस्क, सीडी इत्यादि है, इंटरनल मेमोरी को मदरबोर्ड में लगाया जाता है एक्सटर्नल मेमोरी परमानेंट मेमोरी होती है, रैम Temporary मेमोरी होती है, जब CPU किसी भी डाटा को प्रोसेस करता है तो उस डाटा को रैम से ले लिया जाता है, इस तरीके से मेमोरी यूनिट का काम किसी भी डाटा को सेव करने का होता है
कंप्यूटर के कंपोनेंट्स के फायदे Advantages of Components of Computer
- इनकी मदद से सिस्टम की काम करने की क्षमता और ज्यादा बढ़ जाती है
- इनकी मदद से आसानी से इंटरनेट से जुडा जा सकता है
- इनकी मदद से सिस्टम में बहुत सारे डाटा को सेव किया जा सकता है
- इनकी मदद से बडी-बडी कैलकुलेशन को कुछ ही सेकंडों में कर सकते हैं
- ये डाटा को पूरी तरह से सिक्योरिटी देते हैं
कंप्यूटर के कंपोनेंट्स के नुकसान Disadvantages of Components of Computer
आशा है मेरे द्वारा जो आपको जानकारी दी गई है वो आपको जरूर पसंद आई होगी अगर हां तो कमेंट करके जरूर बताएं हमें आपके कमेंट का इंतजार रहेगा
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