मोबाइल एप्‍लीकेशन क्‍या है What is Mobile Application in Hindi

मोबाइल एप्‍लीकेशन को मोबाइल ऐप या ऐप भी बोला जाता है, फोन में चलने वाले ऐपो को कंप्यूटर के माध्यम से बनाया जाता है परंतु फोन में कुछ ऐप ऐसे होते हैं जिनको इनस्टॉल करने की आवश्यकता नहीं होती है वे फोन में पहले से ही आते हैं पर कुछ ऐसे ऐप ऐसेे होते हैं जिन्‍हें Install करना होता है  

अभी के समय में मोबाइल एप्‍लीकेशन का उपयोग करना और उनका विकास करना नया और तेजी से बढता हुआ क्षेत्र है, मोबाइल एप्‍लीकेशन को मोबाइल सॉफ्टवेयर भी माना जाता है जिसे मोबाइल फोन पर चलाने के लिए डिजाइन किया जाता है, मोबाइल एप्‍लीकेशन फोन की मांग और बाधाओं को देखते हुए बनाएं जाते हैं ताकि यूजर को उन्हें उपयोग करने में कोई दिक्कत न आए और वह आसानी से एप्‍लीकेशन का उपयोग कर सकें

Mobile Application क्‍या है

मोबाइल एप्‍लीकेशन क्‍या है What is Mobile Application in Hindi 

मोबाइल फोन कैसे काम करता है How Mobile Phone Works

मोबाइल फोन से पहले टेलीफोन का इस्तेमाल बातें करने के लिए किया जाता था उसमें केबल के जरिए दूसरे व्यक्ति के साथ जोडा जाता था उसके बाद ही बातें संभव होती थी परंतु  मोबाइल फोन में ऐसा नहीं है क्योंकि इसमें किसी भी तार की आवश्यकता नहीं होती है इसलिए इन्हें वायरलेस भी बोला जाता है मतलब इसमें सिग्नल एक जगह से दूसरी जगह आसानी से चला जाता है

हर फोन में एक माइक्रो फोन होता है जो बोली हुई बातों को डिजिटल फॉर्म ( 0 और 1 ) में बदल देता है, फिर उन्‍हें फोन के Antenna से इलेक्ट्रोमैग्नेटिक फॉर्म में बदला जाता है ये टावर तक पहुंचती है और टावर इन वेब को रिसीवर के फोन तक पहुंचाता है और डिजिटल फार्म सिग्नलों को Speaker के माध्‍यम से बातों में बदल देता है तो इस तरह से एक व्‍यक्ति दूसरे व्‍यक्ति के साथ बातें कर पाता है 

Mobile Application कैसे बनाएं

मोबाइल एप्‍लीकेशन कैसे बनते हैं How Mobile Application developed

मोबाइल एप्‍लीकेशन बनाने के लिए मोबाइल प्रोग्रामिंग लैंग्वेज और मार्केट के बारे में जानकारी होनी चाहिए मतलब ये पता होना चाहिए कि लोग किस समय पर किस एप्‍लीकेशन को ज्यादा डाउनलोड कर रहे हैं

इसमें सबसे पहले ये तय करना होता है कि एप्‍लीकेशन किसके मोबाइल के‍ लिए बनाना है ios, Android या फिर Windows के लिए, अगर व्‍यक्ति ज्‍यादा पैसा कमाना चाहता है  तो उसे ios के एप्‍लीकेशन बनाने चाहिए क्योंकि Android में समय-समय पर बहुत ऐप आते हैं उनमें पाइरेसी होने के Chances भी ज्यादा होते हैं, ios में ऐप को बहुत ज्यादा सिक्योरिटी के बाद ही अपलोड किया जाता है

इन ऐप्स को साधारण सिस्‍टम पर नहीं बनाया जा सकता इसके लिए मैकबुक होनी चाहिए जो एप्पल के प्रोडक्ट है, मान लीजिए एक व्‍यक्ति ने ios का ऐप बनाना शुरू किया तो उसे सबसे पहले इसमें XCode नाम का एक टूल मिलता है उसके अंदर Integrated Interface Builder होता है जिसके इस्तेमाल से टेम्‍पलेट बनाए जाते हैं, इसके लिए सबसे पहले एप्पल की ऑफिशियल वेबसाइट पर जाना होगा http://developer.apple.com/developer/ और वहां Register करना होगा, अगर प्रोग्रामिंग लैंग्वेज की बात की जाएं तो इसमें Objective C या Swift का उपयोग होता है, ios Simulator का इस्‍तेमाल करके ऐप को चेक भी कर सकते हैं

जब ऐप बनकर तैयार हो जाता है और उसे Launch करना होता है इसके लिए एप्पल को 99 डॉलर के हिसाब से हर साल देने होते हैं, ऐप बनने के बाद Testing  भी जरूरी होती है वैसे तो टेस्‍ट सिम्युलेटर का इस्तेमाल करके आसानी से की जा सकती है पर एक फोन पर चेक करने से और साफ हो जाता है कि ऐप कैसे काम कर रहा है

अगर ऐप बिल्कुल ठीक तरह से काम कर रहा है और अब उसे Launch करना है तो उसे ऐप स्टोर पर Approval के लिए Register करना होगा उसके लिए ऐप को Approval के लिए समिट करना होगा, कभी Approval जल्दी मिल जाता है और कभी मिलने में समय भी लग जाता है क्योंकि वो सभी Terms and Conditions को चेक करते हैं और ये भी देखते है कि ऐप बनाने में जिन कोड का इस्तेमाल हुआ है वह वैध है या नहीं 

Approval मिलने के बाद भी काम खत्म नहीं होता उसके बाद  ऐप को ऐसा बनाना होता है कि यूजर को वह आसानी से मिल जाएं इसके साथ-साथ ऐप के कीबर्ड, टाइटल और Description का भी ध्‍यान रखना होता है जिससे ऐप आसानी से सर्च में आए और यूजर उसका आसानी से इस्तेमाल कर सकें

मोबाइल एप्‍लीकेशन सिक्‍योरिटी क्‍या है What is Mobile Application Security

मोबाइल एप्‍लीकेशन सिक्योरिटी की बहुत जरूरत होती है क्‍योंकि आजकल बहुत से लोगों इन ऐपों के जरिए बहुत से धोखे कर रहे हैं ये सब करने के लिए या तो किसी मालवेयर का उपयोग किया जाता है या फिर मोबाइल को हैक किया जाता है, इन सबसे बचने के लिए आपको कुछ तरीके अपनाने होते हैं 
  1. फोन में अगर कोई एप्लीकेशन डाउनलोड करना होता है तो केवल गूगल प्‍ले स्‍टोर से करें क्योंकि इसमें जितने भी ऐप होते हैं वे सभी पहले से टेस्ट होते हैं, कभी भी किसी अज्ञात स्रोत से डाउनलोड न करें
  2. फोन में एक सेटिंग हमेशा ऑन रखनी चाहिए वो है फाइंड माय डिवाइस क्योंकि अगर फोन चोरी हो गया या फिर कहीं रख कर भूल गए तो वह फोन के डाटा में किसी को एक्सेस नहीं करने देता जिससे फाइंड माई डिवाइस से डाटा को सुरक्षित रखा जाता है 
  3. अगर फोन में कोई ऐप खुले हो तो उन्हें समय पर बंद कर देना चाहिए जैसे अगर Bluetooth से किसी के Bluetooth की Pairing हो गयी तो वह फोन में एक्सेस कर सकता है और  डाटा चोरी कर सकता है
  4. अगर फोन की बैटरी खत्म हो गई तो उसे कभी भी कही भी नहीं लगाना चाहिए या फिर किसी भी केबल से चार्ज नहीं करना चाहिए क्योंकि इससे फोन में वायरस आने का खतरा बढ जाता है 
  5. हमेशा फोन में लॉक के लिए या तो फिंगर पिन का इस्तेमाल करें या फिर पिन का ये फोन को ज्यादा सिक्योर रखती है

मोबाइल एप्‍लीकेशन के फायदे What are the Benefits of Mobile Application

  1. मोबाइल फोन एप्‍लीकेशन का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इससे स्‍कूल, कॉलेज, या फिर कहीं भी पढने वाले विद्यार्थी आसानी से पढ सकते हैं, इन्‍हें आने के बाद से वो केवल किताबों तक ही सीमित नहीं रहे अब वह हर तरह की जानकारी के लिए मोबाइल एप्‍लीकेशन का इस्तेमाल कर रहे हैं
  2. इनके आने के बाद से शिक्षक और माता-पिता के बीच संवाद करना आसान हो गया है जिससे माता-पिता को अपने बच्चे के बारे में पूरी जानकारी रहती है
  3. आज किसी भी विद्यार्थी को किसी भी दुकान पर जाकर किताबें खरीदने की जरूरत नहीं होती है वो ऐप के माध्यम से आसानी से खरीद सकता है जिससे उसके समय की बचत होती है
  4. आजकल ऐसे बहुत से ऐप आ गए है जिनके माध्यम से आसानी से कहीं भी पैसे भेज सकते हैं अब बैंक की लाइन में खडे होने की जरूरत नहीं होती , अपने घर से ही पेमेंट की जा सकती है 
  5. आज इन ऐपो की मदद से कोई भी Businessman अपने सामान को आसानी से ज्यादा से ज्यादा ग्राहकों के बीच में पहुंच सकता है जिससे उसका सामान जल्दी और आसानी से बिक जाता है
आशा है जो मोबाइल एप्‍लीकेशन के बारे में जानकारी दी गई हैं वह आपको जरूर पसंद आई होगी अगर हां तो कमेंट करके जरूर बताएं 

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