डेटा कम्‍युनिकेशन क्‍या है What is Data Communication in Hindi

आम जीवन में Communication का मतलब किसी से बातचीत करना या फिर सूचनाओं का आदान प्रदान करने से होता है, इसी प्रकार कंप्यूटर की भाषा में जब एक कंप्यूटर किसी डाटा को या फिर सूचना को किसी दूसरे कंप्यूटर तक पहुंचाता है तो उसे Data Communication कहा जाता है, Data Communication के लिए दो या दो से अधिक कंप्‍यूटरों की आवश्यकता होती है, जब एक सिस्टम से दूसरे सिस्टम पर कोई डाटा भेजा जाता है तो ये Analog से Digital में बदलकर जाता है 

डेटा कम्‍युनिकेशन क्‍या है What is Data Communication in Hindi 

Data Communication क्‍या है

डेटा कम्‍युनिकेशन के फीचर्स Features of Data Communication

  1. Message - किसी से बात करने के लिए मैसेज सबसे जरूरी चीज होती है जिसमें कुछ भी लिख सकते है, Photos भेज सकते है या कोई वीडियो भी भेज सकते है 
  2. Sender - Sender का मतलब उस सिस्टम से होता है जिसके द्वारा कोई टेक्‍स्‍ट या फिर कोई डाटा भेजा जा रहा है जब आप डाटा भेजा जाता है तो किसी न किसी Medium की आवश्यकता होती है वो Data Cable, Radio Wave इत्यादि कुछ भी हो सकता है
  3. Receiver - Receiver ऐसा सिस्टम होता है जिसको कोई भी डाटा या Information भेजी जाती है, Receiver सिस्‍टम की Location  से कही दूर होता है, Receiver को किसी भी डाटा को Receive करने के लिए किसी न किसी Medium की आवश्यकता होती है
  4. Medium - ये एक ऐसा Path होता है जिसके माध्यम से Sender किसी भी डाटा को Receiver तक आसानी से पहुंचाता है जैसे Data Cable, Microwave etc.इसमें किसी भी तरह के डाटा के खराब होने का कोई खतरा नहीं होता है

डेटा कम्‍युनिकेशन के फायदे Characteristics of Data Communication

  1. Delivery - इसमें डाटा सही जगह और सही व्यक्ति तक पहुंचता है अगर कोई Destination एक बार डाल दी तो डाटा आसानी से पहुंच जाता है
  2. Accuracy - अगर कोई डाटा किसी को भेजा जाता है तो वो उसी Firm में जाएगा जिस Firm  भेजना है इसमें डाटा Corrupt होने के Chances बहुत कम होते हैं
  3. Timeliness - इसे Timeliness इसलिए कहा जाता है क्योंकि यह यूजर के द्वारा भेजे जा रहे  डाटा को Time पर पहुंचाता है 
Channels के प्रकार

सिग्‍नल तीन प्रकार के होते हैं Types of Signals 

  1. Digital Signals - Digital Signal में किसी भी डाटा को Electronic रूप में एक सिस्टम से दूसरे सिस्टम पर भेजा जाता है अर्थात इसमें बाइनरी संख्या (0 और 1) का इस्तेमाल किया जाता है जब सिग्नल्स बंद होते हैं तो उसका मतलब 0 होता है और जब सिग्नल्स चालू होते हैं तो उसका मतलब 1 होता है तो इस तरह के Signals को Binary Signals या फिर Logical Signal भी बोल सकते हैं Digital Signals को भेजना आसान होता है और इसके माध्यम से किसी भी डाटा को भेज सकते हैं इसमें डाटा खराब होने का खतरा बहुत कम होता है, डिजिटल सिग्‍नलों की एक समय सीमा होती है 0 और 1, 0 का Use Minimum के लिए होता है और 1 का Use Maximum के लिए होता है
  2. Analog Signals - Analog Signal एक Continuous Signal होता है जो एक Time Interval पर बदलता है, जब किसी को कोई डाटा या कोई वीडियो भेजा जाता है तो वो Analog Signals की Form में जाता है, Analog Signals को Cables के माध्‍यम से एक जगह से दूसरी जगह तक पहुंचाया जाता है Analog Signals Digital Signals से ज्यादा शुद्ध होते हैं इस तरह के Signals को कहीं भी स्‍टोर करने के लिए ज्यादा समय की आवश्यकता होती है, Analog Signals बहुत ज्यादा शोर करते हैं जिससे काफी समस्याएं होती है
  3. Hybrid Signals - Hybrid का मतलब दो से मिलकर बने होने से होता है Hybrid Signals ऐसे Signals होते हैं जो Digital Signals और Analog Signals से मिलकर बने होते हैं ये सारी प्रक्रिया Signal Addition Circuit के माध्‍यम से की जाती हैं, Hybrid Signals में दोनों तरह के Signals की सारी Information होती है, इसका सबसे बड़ा फायदा है कि इसे दोनों सिग्नलों की तरह Use कर सकते हैंइसका सबसे बड़ा उदाहरण है इंटरनेट है क्योंकि इंटरनेट को Analog और Digital दोनों तरीके से इस्तेमाल कर सकते हैं जब इसका इस्तेमाल Wifi के माध्यम से करते हैं तो वह Analog Signal होता है और जब बिना Cables के इंटरनेट का इस्तेमाल करते हैं तो वो Digital Signal होता है

चैनलों के प्रकार Types of Communication Channel

  1. Simplex Channel - Simplex Channel एक ऐसा Channel होता है जिसमें डाटा केवल एक ही दिशा में चलता है अर्थात इसमें केवल एक ही Communication Device होता है जो डाटा को भेज सकता है तथा दूसरी दिशा में केवल उस डाटा को Receive कर सकते हैं 
  2. Half Duplex Channel - Half Duplex System में दोनों व्यक्ति आपस में बातचीत कर सकते हैं,इसका सबसे बड़ा उदाहरण Walkie-Talkie है जिसमें दो व्यक्ति आपस में बातचीत तो कर सकते हैं पर उन्हें एक-एक करके बोलना होता है जब एक व्यक्ति बोलता है तो दूसरे व्यक्ति को नहीं बोलना होता हैइस तरह समझ सकते हैं कि जब रोड पर एक साइड के Traffic को जाने दिया जाता है और दूसरे साइड के Traffic को रोक दिया जाता है मतलब एक बार में केवल एक ही Side का Traffic जा सकता है, अगर दोनों साइड का Traffic एक साथ चलता है तो वहां Accident हो जाता है उसी तरह से अगर Half Duplex में दोनों Parties एक साथ बातचीत करेंगी तो उनकी बातचीत का Collision होगा और वो जो बातें करना चाहते हैं वो एक दूसरे को समझ नहीं आएगी
  3. Full Duplex Channel - इसमें डाटा दोनों दिशाओं में जा सकता है इसका सबसे बड़ा उदाहरण Telephone या फिर Mobile Phones है जिनके माध्यम से दो व्यक्ति आपस में आसानी से बातचीत कर सकते हैं और इसमें डाटा या मैसेज खत्म होने का कोई खराब नहीं होता आज उन Roads काे अच्‍छा माना जाता है जिनमें Traffic आने और जाने के लिए अलग-अलग Lane होती है इसी तरह से Full Duplex में दो Lanes होती है जिनमें एक Sender की होती हैंऔर एक Receiver क‍ी होती है क्योंकि उसमें किसी भी डाटा का Interrupt होने का खतरा नहीं होता है
आशा है Data Communication के बारे में जो जानकारी आज दी गई हैं वह आपको जरूर पसंद आई होगी अगर तो अपनी राय कमेंट सेक्‍शन में जरूर बताएं धन्‍यवाद 

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