फ्लोचॉर्ट क्या है What is Flow Chart in Hindi
Flow Chart के नाम से ही समझ में आता है कि ये किसी Flow को बताने वाला Chart होता है जब भी कोई प्रोग्राम बनाया जाता है या कह सकते हैं कि जो भी प्रोसेस किया जाता है उसमें Flow Chart का इस्तेमाल करते हैं, किसी प्रोग्राम को ग्राफिक्स फॉर्म में रिप्रजेंटेशन करने के लिए Flow Chart का इस्तेमाल किया जाता है ताकि उस प्रोग्राम के बारे में देखते ही पता चल जाए कि उसमें किस तरह डाटा आ रहा है और उसमें क्या प्रोसेसिंग हो रही है और किस तरीके से आउटपुट मिल रहा है
फ्लोचॉर्ट क्या है What is Flow Chart in Hindi
इस ब्लॉग में जानेगे कि Flow Chart क्या होता है, Flow Chart को इस तरीके से समझ सकते हैं कि किसी एल्गोरिदम का ग्राफिकल रिप्रजेंटेशन को Flow Chart कहा जाता है या फिर इसे इस तरह भी समझ सकते हैं कि किसी प्रोग्राम की पूरी प्रोसेस को ग्राफिकल रिप्रजेंटेशन में दर्शाने को भी Flow Chart कहा जाता है, Flow Chart में कुछ स्डैडर्ड सिंबल का इस्तेमाल करके पूरे Flow को बनाया जाता है, ये Flow किसी प्रोग्राम का भी हो सकता है या फिर किसी प्रोसेस का भी हो सकता है,जिन सिंबलों का इस्तेमाल किया जाता है वह इस प्रकार है
- Terminator - ये ओवल के आकार में होता है और इसे टर्मिनेटर भी कहा जाता है, इसे स्टार्ट या स्टॉप सिंबल भी कहा जाता है
- Input/ Output - इसका इस्तेमाल इनपुट या आउटपुट डाटा के लिए किया जाता है, ये Parallelogram के आकार का होता है
- Process - इसमें डाटा की प्रोसेसिंग होती है जैसे कोई कैलकुलेशन करनी है तो उसे c = a+b लिख सकते हैं, इसमें किसी डाटा को लेकर उसके Font को बदलकर काम किया जाता है, प्रोसेस के लिए Rectangle का इस्तेमाल किया जाता है, इसे प्रोसेस सिंबल भी बोल सकते हैं
- Decision Box - इसमें जो भी प्रोसेसिंग के बाद उत्तर आता है उसे चेक किया जाता है, इसमें दो रेखाएं होती हैं उनमें एक का मतलब सही से होता है और एक का मतलब गलत से होता है, मतलब अगर उत्तर सही है तो वो सही की तरफ चला जाएगा और गलत होता है तो गलत की ओर चला जाता है
- Connector - यदि बहुत बडा Flow Chart बनाना है और आपको तो Flow Chart को किसी से कनेक्ट करना होता है उसे आसानी से कर सकते हैं, इसे ऑन पेज रेफरेंस भी कहा जाता है
यदि आउटपुट डॉक्यूमेंट से लेना है तो इसमें डॉक्यूमेंट को भी दर्शा सकते हैं, इसमें कुछ स्डैडर्ड सिंबल होते हैं जिनका इस्तेमाल करके आसानी से Flow Chart को बना सकते हैं
आइए फेसबुक का Flow Chart बनाना सिखते हैं जिससे समझने में आसानी होगी
सबसे पहले स्टार्ट करना होगा उसके बाद इनपुट देना होगा जो www.facebaook.com होगा तीसरे स्टेप में प्रोसेस होगा जो फेसबुक के होम पेज पर होगा फिर यहां ई-मेल आईडी और पासवर्ड पूछा जायेगा वो डालना होगा अगर पासवर्ड गलत डाल दिया है तो वहां वो उसे चेक करेगा अगर पासवर्ड ठीक है तो Yes हो जाएगा मतलब डिस्प्ले हो जाएगा और अगर गलत होगा तो No हो जाएगा तो लॉग इन ऐरर दिखाएगा और फिर से पासवर्ड डालने के लिए बोला जाएंगा एक छोटा सा उदाहरण दिया है जिससे आसानी से Flow Chart के कांसेप्ट को समझ में आएंगा और आसानी से Flow Chart को बना सकते हैं
Difference Between Flow Chart and Algorithm
- Flow Chart तैयार करने के लिए सिंबल का इस्तेमाल करना होता है वही अगर एल्गोरिदम की बात करें तो साधारण अंग्रेजी भाषा का इस्तेमाल करके उसे आसानी से लिख सकते हैं
- Flow Chart को बनाने में ज्यादा समय की खपत होती है क्योंकि इसमें सिंबल और नोटेशनों का इस्तेमाल होता है वही अगर एल्गोरिदम को देखें तो उसे बनाने में ज्यादा समय नहीं लगता
- Flow Chart को मॉडिफाई नहीं किया जा सकता वहीं एल्गोरिदम को आसानी से मॉडिफाई कर सकते हैं
- Flow Chart किसी भी रिप्रजेंटेशन का सॉल्यूशन होता है वहीं अगर एल्गोरिदम को देखें तो उसे एक-एक स्टेप में लिखा जाता है
Flowchart of Making a Cup of Tea
उदाहरण के लिए एक चाय बनाने के Flow Chart बना सकते हैं इसमें सबसे पहले शुरुआत करनी होगी उसके बाद इनपुट देना होगा जो चाय की पत्ती, दूध, चीनी, और पानी के रूप में होता है तीसरे स्टेप में प्रोसेसिंग होती है जो चाय बनने के रूप में होती है इसके बाद चेक करना होता है कि चाय बनकर तैयार हो गयी है या नहीं अगर हां तो उसे निकाल सकते हैं और अगर नहीं तो उसे और पकाना होता है, यही प्रोसेस Flow Chart में होता है जिसके जरिए Flow Chart बनकर तैयार होता है
Types of Flowchart
फ्लो चार्ट दो तरह के होते हैं
- System Flowchart - ये डाटा को देखता है कि किस तरीके से डाटा एक सिस्टम में Flow हो रहा है और कैसे Events को कंट्रोल कर रहा है
- Program Flowchart - इसमें Flow Chart को लिखने में कुछ ग्राफिक्स सिंबल का इस्तेमाल किया जाता है जिससे Flow Chart आसानी से बन जाता है, इससे कार्य करने की क्षमता बढ़ जाती है
Rules for Writing Flowchart
- सिंबल का इस्तेमाल करके ही Flow Chart को लिखना होता है
- जब Flow Chart बनाया जाता है तो प्रोग्राम का जो Flow होता है वो या तो ऊपर से नीचे की ओर होना चाहिए या फिर बांए से दांए की ओर होना चाहिए इससे Flow Chart बिल्कुल ठीक तरह से बनता है
- एक Flow Chart का केवल एक ही स्टार्ट ऑब्जेक्ट लिखा जा सकता है
- इसमें जोडने के सिंबल को नहीं लिखना होता है
- Flow Chart में जो भी लिखा जाता है उसे बिल्कुल साधारण शब्दों में लिखना होता है
Advantages of Flow Chart
- Flow Chart को समझना बहुत आसान है क्योंकि यह पिक्चर की फॉर्म में होता है जैसे अगर किसी चीज को सुनते हैं तो वो दिमाग में कुछ ही समय तक रहती है वही अगर उसी चीज का ग्राफिक्स देख लिया जाता है तो वो आसानी से समझ में आ जाती है और वह लंबे समय तक याद रहती है
- अभी जितने भी प्रेजेंटेशन दिए जाते हैं वो Flow Chart की फॉर्म में दिए जाते हैं क्योंकि उनको समझना आसान होता है
- इसमें गलतियों को आसानी से ढूंढ सकते हैं और उसे ठीक भी कर सकते हैं
- इसमें किसी भी प्रोग्रामर के लिए प्रोग्राम के बारे में बताना बहुत आसान होता है जिससे कोई दूसरा प्रोग्रामर उसे आसानी से समझ सकें
- जब Flow Chart बनकर तैयार हो जाता है तो उसमें किसी भी प्रोग्रामर के लिए प्रोग्राम को बनाना आसान हो जाता है
- अगर प्रोग्राम की टेस्टिंग करनी हो तो किसी भी डाटा को लेकर उसे आसानी से चेक कर सकते हैं
Disadvantages of Flow Chart
- इसको रन नहीं करा सकते हैं इसमें केवल किसी भी प्रोग्राम को दर्शा सकते हैं
- अगर Flow Chart में कोई भी दिक्कत आ जाती है तो उसे फिर से बनाना होता है
- जब बडे-बडे प्रोग्रामों का Flow Chart बनाया जाता है तो उसमें बनाने में बहुत समय की बर्बादी होती है क्योंकि उसमें बहुत सी स्पेसिंग और सिंबल का इस्तेमाल होता है
- Flow Chart को बनाने का कोई एक परमानेंट स्डैडर्ड नहीं होता है हर कोई अपने हिसाब से Flow Chart को बनाता है
आशा है Flow Chart के बारे में जो जानकारी आज दी गई हैं वह आपको जरूर पसंद आई होगी अगर हां तो अपनी राय कमेंट सेक्शन में जरूर बताएं धन्यवाद
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