होस्टिंग क्‍या है What is Hosting in Hindi

जब भी किसी Hosting को खरीदा जाता है तो उसमें सर्वर की लोकेशन जरूर होती है सर्वर Hosting की क्‍वालिटी, ट्रैंफिक, और एसईओ पर प्रभाव डालता है, चाहे किसी भी Hosting को खरीदा जाएं वह सर्वर की लोकेशन पर बहुत ज्‍यादा प्रभाव डालती है औा बहुत ज्‍यादा महत्‍वपूर्ण होती है सबसे पहले समझते हैं कि Hosting क्‍या है
Hosting क्‍या है

होस्टिंग क्‍या है What is Hosting in Hindi 

होस्टिंग क्‍या है What is Hosting

Hosting का सीधा मतलब स्‍टोरेज से होता है अगर यूजर के पास कोई फाइल है जिसका साइज 2 जीबी का है और उस फाइल को पूरी दुनिया के साथ शेयर करना हैं तो उसमें क्‍या करना होगा इसके लिए ऐसा नेटवर्क चाहिए होता है जो हर जगह पर हो ऐसा केवल एक ही नेटवर्क है जिसका नाम इंटरनेट है

मोबाइल फोन में जो एसडी कार्ड होते हैं उसे एक तरह से Hosting ही माना जाता है, Hosting एक स्‍टोरेज होती है जब उस स्‍टोरेज में फाइलों को स्‍टोर किया जाता है तो उसे कंटेंट बोला जाता है जब कंटेंट को बेवसाइट पर अपलोड करते हैं तो कंटेंट ऑनलाइन हो जाता है

यहां Hosting इसलिए बोला जाता है क्‍योंकि फोन हमेशा इंटरनेट से कनेक्‍ट नहीं रह पाता इसलिए इसमें ऐसे कार्ड की जरूरत होती है जो हमेशा नेट से कनेक्‍ट रहे इसलिए बहुत सी कंपनियां है जिनके पास हजारों जीबी का स्‍टोरेज होता है और वो हमेशा नेट से कनेक्‍ट रहती है इसलिए उन कंपनियों से स्‍टोरेज ली जाती है जो Hosting की तरह काम करती है और उनका खर्चा महीने के हिसाब से दिया जाता है

वेबसाइट पर माइग्रेट कैसे करें How to Migrate Website

सबसे पहले जानते हैं कि कैसे किसी वेबसाइट को Hostinger की Hosting पर Migrate करते हैं, जैसे यूजर ने कोई Hosting को खरीदा है तो यूजर उसके होम के डेसबोर्ड के अंदर रहता है अब इसका सेटअप करना होता है, Single Premium Hosting और Web Hosting इन दोनों में एक जैसी प्रोसेस होती है पर ये पता होना जरूरी है कि Single Hosting में Domain Free नहीं मिलता और Premium Hosting के अंदर फ्री Domain मिलता है

सबसे पहले बात करते हैं कि अगर Hostinger में फ्री में वेबसाइट को Migrate करना है तो क्‍या करना होगा, इसमें जैसे ही साइट को Hostinger के अंदर लॉग इन करते हैं तो राईट हैड की तरफ माइग्रेट वेबसाइट का ऑप्‍शन दिखाई देता है, इस पर क्लिक करना होता है जैसे ही क्लिक करते हैं उसके बाद Hostinger की  टीम खुद साइट को माइग्रेट करके देती है

Hosting को रिक्‍वेस्‍ट करनी होती है इसके बाद Hosting टिकट क्रीऐट करता है जैसे मान लीजिए कि किसी एक सी पैनल पर माइग्रेट करना है अब सोचने वाली बात यह है कि सी पैनल क्‍या है, मान लीजिए कि Hosting A2 Hosting या साइड ग्राउंड पर है तो इसमें सी पैनल वो एरिया होता है जहां पर पूरा डेटा स्‍टोर रहता है तो अगर Hosting को माइग्रेट करना है तो सी पैनल का ही इस्‍तेमाल करें
How to Migrate Websites

अगर किसी एक वेबसाइट को माइग्रेट करना है तो वर्डप्रेस मोरेशन पर क्लिक करना होगा इसके लिए वेबसाइट के लिए WP ADMIN को लॉग इन करना होता है, इसके Domain को कॉपी करना होगा इसके बाद Hostinger में आना है और एडमिन पैनल को इसमें पेस्‍ट करना होगा, इसके बाद जब वर्ड प्रेस में लॉग इन किया जाता है तो WP ADMIN के पॉसवर्ड को डालना होता है

इसके साथ ही जो वेबसाइट है वो जिस Hosting पर चल रही है उसके Credits उसमें फिल करने होंगे और यूजर नेम और पासवर्ड भी डालना होगा और इसके बाद समिट करना होगा इससे एक रिक्‍वेस्‍ट क्रीऐट हो जाती है उस रिक्‍वेस्‍ट से Hostinger की कंपनी साइट को माइग्रेट कर देती है तो ये एक छोटा सा प्रोसेस होता है जिसके जरिए साइट को आसानी से माइग्रेट कराया जा सकता है 

होस्टिंगर को वेबसाइट पर कैसे अपलोड करें How to Upload Hostinger on Website

मान लीजिए कि किसी वेबसाइट को Hostinger पर इंस्‍ट्रोल करना है तो इसका प्रोसेस क्‍या है हम प्रीमियम से लेकर बात करते हैं क्‍योंकि सिंगल वाला तो फ्री होता है, जब प्रीमियम पर जाते हैं तो सेटअप पर क्लिक करना है इसके बाद स्‍टार्ट का ऑप्‍शन दिखाई देगा वहां फ्री का Domain भी मिलता है और अगर यूजर के पास Domain है तो Existing वाले ऑप्‍शन पर क्लिक करना होगा

जैसे ही उसे सिलेक्‍ट किया जाता है तो Domain का नाम पूछा जाता है जैसे ही उसे डालेगे और Continue करेंगे तो ये पहले Verify करेगा कि ये डोमेन Exist करता है या नहीं अगर है तो Continue पर क्लिक करना होगा, इसके बाद वो एरिया मिलेगा जहां से सर्वर की लोकेशन को Choose करना है यहां से Europe, Asia, या अमेरिका कहीं के भी सर्वर को इस्‍तेमाल कर सकते हैं

आखिर सर्वर की इतनी ज्‍यादा अहमियत क्‍यों है, अब मान लीजिए कि कोई व्‍यक्ति है जो वेबसाइट तक जाना चाहता है तो वो जैसे ही डोमेन का नाम टाइप करता है तो रिक्‍वेस्‍ट सर्वर तक जाती है और सर्वर में जो डेटा होता है उसे वो यूजर को दे देता है, अब अगर मान लीजिए कि कोई वेबसाइट भारत में है और सर्वर अमेरिका में है तो अगर कोई व्‍यक्ति सर्च करता है तो साइट आसानी से एक्‍सेस हो जाती है क्‍योंकि वो सर्वर से पहले जुडता है

अगर किसी वेबसाइट पर ट्रैंफिक अमेरिका से ज्‍यादा आ रहा है तो नार्थ अमेरिका का सर्वर इस्‍तेमाल करें, अगर मान लीजिए कि साइट पर ज्‍यादातर ट्रैंफिक एशिया से आ रहा है तो सर्वर हमेशा एशिया का ही इस्‍तेमाल करें मतलब जहां से ज्‍यादातर ट्रैंफिक आ रहा है उसके पास वाले सर्वर को ही इस्‍तेमाल करे अगर साइट पर बहुत ज्‍यादा ट्रैंफिक होता है तो क्‍लाउंड का भी इस्‍तेमाल कर सकते हैं

ये सब काम करने के बाद Go to Website का ऑप्‍शन दिखाई देगा पर हमने तो किसी वेबसाइट का Installation किया नहीं है तो इसलिए मैनेज साइट कंट्रोल पैनल पर जाए, ये एरिया बहुत महत्‍वपूर्ण एरिया होता है इसको एच पैनल भी बोला जाता है, एच पैनल बहुत ही आसान होता है यहां सबसे पहले काम वर्ड प्रेस को इंस्‍ट्रोल करने का होता है इसको करने के लिए आपको Auto Installer दिखाई देगा

जैसे ही इसपर क्लिक किया जाता है तो पूछा जाएगा कि यूजर को कौन सा मैनेजमेंट सिस्‍टम इंस्‍ट्रोल करना है, हम वर्ड प्रेस का इस्‍तेमाल करके बताते हैं इसमें सारी एंट्री को फिल करना होगा और इंस्‍ट्रोल पर क्लिक करना होगा इसके बाद वर्ड प्रेस का इंस्‍ट्रोलेशन इस Hostinger के अकाउंट में इंस्‍ट्रोल हो जाएगा, इसके बाद दिखाई देगा कि वर्ड प्रेस की साइट इंस्‍टोल हो चुकी है

आशा है जो जानकारी आज दी गई हैं वह आपको जरूर पसंद आई होगी अगर हां तो अपनी राय हमें कमेंट सेक्‍शन में जरूर बताएं धन्‍यवाद 

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