पोर्टेबल हार्ड ड्राइव क्या है What is Portable Hard Drive in Hindi
Portable Hard Drive को कंप्यूटर के यूएसबी पोर्ट में बाहर से लगाया जाता है इसका इस्तेमाल आमतौर पर किसी भी सिस्टम की स्टोरेज को बढ़ाने के लिए किया जाता है या सिस्टम को बैकअप देने के लिए भी किया जाता है, इसमें जरूरी डाटा को आसानी से सेव किया जा सकता है और डेटा को एक जगह से दूसरी जगह तक ले जाना भी आसान होता है क्योंकि इसका साइज बहुत छोटा होता है और इसकी क्षमता अधिक होती है
पोर्टेबल हार्ड ड्राइव क्या है What is Portable Hard Drive in Hindi
मान लीजिए अगर यूजर सिस्टम पर काम कर रहा है और सिस्टम की पूरी स्टोरेज भर चुकी है तो Portable Hard Drive को सिस्टम में बाहर से लगाया जा सकता है और किसी भी डाटा को इसमें Transfer कर सकते हैं इससे सिस्टम को खाली करने की जरूरत नहीं पडती और काम होता रहता है इसको लगाने से सिस्टम पर भी कोई फर्क नहीं पड़ता है वह Normal तरीके से काम करता रहता है
External Hard Drive एक Portable Hard Drive होती है इसका इस्तेमाल फोटो, वीडियो या फिर कोई जरूरी जानकारियों को सेव करने के लिए किया जाता है, इससे कंप्यूटर या लैपटॉप की स्टोरेज क्षमता बढ़ जाती है
पोर्टेबल हार्ड ड्राइव और डेस्कटॉप हार्ड ड्राइव में अंतर What is the Difference Between Portable Hard Drive and Desktop External Hard Drive
Desktop External हार्ड ड्राइव को पावर सॉकेट में लगाने की जरूरत होती है पर Portable Hard Drive को यूएसबी के माध्यम से सिस्टम से कनेक्ट कर सकते हैं, ये सिस्टम से पावर लेती है, Desktop ड्राइव 7200 rpm (Revolution Per Minute) के हिसाब से चलती है और ये चलने के लिए 3.5 इंच की ड्राइव का इस्तेमाल करती है वही अगर Portable Hard Drive को देखें तो वह 5400 rpm के हिसाब से चलती है और चलने के लिए 2.5 इंच की ड्राइव का इस्तेमाल करती है
अगर डेस्कटॉप पर ज्यादा काम किया जाता है तो Non-Portable Drive ज्यादा अच्छी होती है, ये ड्राइव वजन में भारी होती है और चलने में भी काफी तेज होती है और अगर इसकी स्टोरेज की बात करें तो इसकी स्टोरेज Portable Drive से ज्यादा होती है, इन्हें चलने के लिए ज्यादा पावर की आवश्यकता होती है इसलिए Non-Portable Drive को पावर के लिए सीधे पावर बोर्ड में लगाते हैं
Portable Drive की बात करें तो इनका वजन कम होता है और चलने में भी थोडी Slow होती है जिसकी वजह इनकी स्टोरेज क्षमता भी कम होती है और इन्हें चलने के लिए अलग से किसी पावर की आवश्यकता नहीं होती है ये पावर सीधे सिस्टम से लेती है
इंटरनल हार्ड ड्राइव और पोर्टेबल हार्ड ड्राइव में अंतर Difference Between Internal Hard Drive and Portable Hard Drive
Internal ड्राइव और Portable Drive में कुछ ज्यादा अंतर नहीं है अगर डाटा को एक जगह से दूसरी जगह तक ले जाना हो तो Portable Hard Drive की जरूरत होती है पर अगर केवल सिस्टम पर काम करना हो तो Internal ड्राइव से भी काम चल सकता है
अगर पुराना सिस्टम है तो वहां यूएसबी 2.0 का सपोर्ट देखने को मिलेगा, यूएसबी 2.0 की स्पीड ज्यादा से ज्यादा 480 Mb/s होती है तो अगर किसी Portable Drive को सिस्टम के स्लॉट में लगाया जाता है तो स्पीड बहुत कम हो जाती है क्योंकि आजकल जो ड्राइव आ रहे हैं वो सभी यूएसबी 3.0 को सपोर्ट करते हैं , पर अगर सिस्टम यूएसबी 3.0 को सपोर्ट करता है तो उसमें Portable Hard Drive लगा सकते हैं उससे डाटा के ट्रांसफर की स्पीड 5 Gb/s तक हो सकती है
Portable Hard Drive बहुत ज्यादा विश्वसनीय नहीं होती है क्योंकि मान लीजिए अगर काम करते वक्त ड्राइव गिर गयी या फिर उसके ऊपर कुछ गिर गया तो ड्राइव पूरी तरह से खराब हो जाएगी और डाटा भी खत्म हो जाएगा वही दूसरी तरफ अगर Internal ड्राइव की बात करें तो उसमें ऐसा नहीं होता क्योंकि वो तो सिस्टम के अंदर होती है तो उसके खराब होने के Chances बहुत कम होते हैं
अगर इन दोनों ड्राइव के लाइफ स्पैम की बात करें तो दोनों ही ड्राइव की लाइफ तकरीबन बराबर होती है, Portable Drive को आसानी से फोन से कनेक्ट किया जा सकता है क्योंकि इसको बहुत कम पावर की जरूरत होती है वही अगर Internal ड्राइव को फोन से कनेक्ट करना हो तो उस ड्राइव को अलग से पावर देनी होगी उसके बाद ही ड्राइव को कनेक्ट कर सकते हैं , इस ड्राइव को फोन में कनेक्ट करने के लिए यूएसबी की आवश्यकता होती है
पोर्टेबल हार्ड ड्राइव को डेस्कटॉप हार्ड ड्राइव में कैसे बदलें How to Convert Portable Hard Drive into Desktop Hard Drive
मान लीजिए अगर एक पोर्टेबल हार्ड ड्राइव और उसे डेस्कटॉप में लगाना है तो सबसे पहले ड्राइव को खोलना होगा उसे खोलने के बाद उसके अंदर बिलकुल वैसी ही ड्राइव नजर आएगी जैसी डेस्कटॉप में लगी होती है, Portable Drive को साटा केबल के जरिए सिस्टम में लगा सकते हैं और ये ड्राइव फिर बिलकुल डेस्कटॉप ड्राइव की तरह ही काम करेगी
साटा क्या है What is Sata
SATA ( Serial Advanced Technology Attachment) ये ड्राइव को मदरबोर्ड से कनेक्ट करने के काम करती है, साटा भी कई तरीके का होता है जो अभी लेटेस्ट वर्जन है वो साटा 3.0 है जिसकी स्पीड लगभग 6 जीबी तक होती है, इसमें डाटा को ट्रांसफर करने के लिए केबल की आवश्यकता होती है और वो केबल सात पॉइंट की होती है जिससे तेजी से किसी भी डाटा को ट्रांसफर किया जा सकता है
पोर्टेबल हार्ड ड्राइव का इतिहास History of Portable Hard Drives
Portable Hard Drive जब पहली बार आयी थी तो उसका साइज बहुत बडा होता था पर समय के साथ इनके साइज को कुछ इंच का कर दिया गया और इनकी स्टोरेज क्षमता को बढा दिया गया है जिससे आसानी से डाटा को इसमें स्टोर किया जा सकें
सबसे पहली बार आईबीएम की Hard Drive को External डिवाइस माना गया था क्योंकि यह किसी भी सिस्टम में लगकर काम नहीं कर रही थी, इसको बनाने वाले इंजीनियर का नाम Reynold B. Johnson था जो आईबीएम में काम करते थे, इस ड्राइव को पहली बार 13 सितंबर सन् 1956 को लॉन्च किया गया था, ये ड्राइव बहुत बड़ी थी और इसमें बहुत सारे प्लेटर लगे थे जिनका इस्तेमाल डाटा को स्टोर करने के लिए किया गया था
अभी के समय में Portable Drive बहुत ज्यादा पॉपुलर हो चुकी है इसका सबसे बड़ा कारण इनके साइज का छोटा होना और क्षमता का ज्यादा होना है जिससे इसमें किसी भी डाटा को एक जगह से दूसरी जगह तक भेजा जा सकता है
पोर्टेबल हार्ड ड्राइव के फायदे Advantages of Portable Hard Drives
- ये कंप्यूटरों के बीच फाइलों को आसानी से ट्रांसफर कर सकते हैं
- इन ड्राइवों की स्टोरेज क्षमता बहुत ज्यादा होती है जिससे इसमें बहुत सा डेटा सेव हो सकता है
- इनको इस्तेमाल करना बहुत आसान होता है
- इस तरह की ड्राइव पोर्टेबल होती है जिससे इनके माध्यम से डाटा को कही भी ले जा सकते हैं
- इनको किसी भी सिस्टम में लगा सकते हैं मतलब ये हर तरह के सिस्टम को सपोर्ट करती है
पोर्टेबल हार्ड ड्राइव के नुकसान Disadvantages of Portable Hard Disks
- ये आसानी से टूट जाती है
- अगर इन्हें सिस्टम में गलत तरीके से कनेक्ट किया जाएं तो ये आसानी से खराब हो सकती है
- फिक्स्ड हार्ड ड्राइव से अगर इन्हें Compare करें तो इनमें कमियां बहुत अधिक होती है
आशा है Portable Hard Drive के बारे में आज जो आपको जानकारी दी गई हैं वह आपको जरूर पसंद आई होगी अगर हां तो कमेंट करके जरूर बताएं धन्यवाद
Comments
Post a Comment