डिजिटल राइट मैनेजमेंट क्या हैं What is Digital Right Management in Hindi
अभी के समय ज्यादातर लोग हॉट स्टार, जियो सिनेमा, जियो टयून्स इत्यादि का इस्तेमाल करते हैं वह अलग-अलग प्रकार की मूवी, वीडियो या फिर गाने मिलते हैं उनको केवल उसी ऐप में डाउनलोड किया जा सकता है Externally नहीं भेज सकते, अगर किसी गााने या मूवी को किसी दूसरे व्यक्ति को भेजना हो तो नहीं भेज सकते ये सब DRM की मदद से होता है
डिजिटल राइट मैनेजमेंट क्या हैं What is Digital Right Management in Hindi
इसी प्रकार से कुछ गेम होते हैं जिनका Subscription लेना होता है तभी उनको फोन या लैपटॉप पर चलाया जा सकता है इस सबका एक पूरा सिस्टम होता है जिसको डिजिटल राइट मैनेजमेंट (Digital Right Management) कहा जाता है इसे Short में DRM भी बोला जाता है, ये एक ऐसा सिस्टम है जो एक ओनर को Authority देता है कि वो अपने कंटेट को किस तरह से कंज्यूम कराना चाहता है, किस तरह से यूजर तक भेजना चाहता है
मान लीजिए कि अगर कोई वीडियो है और उसे किसी दूसरे यूजर करना है तो उसमें DRM प्रोटेक्शन नहीं होना चाहिए पर अगर चाहते हैं कि वीडियो वहीं देख पाए जिसने Subscription लिया है तो उसमें DRM लगाना होगा, DRM लगाने से आपके को एक जगह से दूसरी जगह तक शेयर नहीं कराया जा सकता है
इसको सीधी भाषा में भी समझ सकते हैं जैसे कोई एक फिल्म प्रोडूसर है तो वह चाहेगा कि उसकी मूवी को लोग सीधे सिनेमा घर तक आकर देखें ताकि उससे ज्यादा से ज्यादा मुनाफा हो सकें, अगर मूवी पर कोई प्रोटेक्शन नहीं है तो फिर लोग सिनेमा हॉल में क्यों आएंगे वो अपने-अपने घर पर ही बैठकर देख लेगे इसलिए पाइरेसी को एक क्राइम माना जाता है इसलिए जब भी कोई मूवी या कोई वीडियो रिलीज किया जाता है तो उसकी प्रोटेक्शन के साथ उसको रिलीज किया जाता है
आजकल मोबाइल के जितने भी Encryption या Decryption होते हैं वो सभी एचटीएमएल फाइल के जरिए होते हैं, DRM का पूरा सिस्टम तीन चीजों पर काम करता है
- Encoding - Encoding का मतलब किसी भी वीडियो को सिक्योरिटी लेयर से प्रोटेक्ट करने का होता है ये सब कुछ coding के जरिए किया जाता है
- Decoding - Decoding का मतलब जब भी किसी सर्वर से वीडियो को एक्सेस किया जाता है तो डिवाइस उसको डिकोड करता है
- Authentication - Authentication का मतलब होता है कि यूजर के पास उस वीडियो को चलाने का लाइसेंस है या नहीं अगर होता है तो वीडियो चल जाता है और अगर नहीं होता है तो वीडियो नहीं चलता है
अब आप सोच रहे होंगे कि क्या इतना सब करने के बाद आपको डेटा पूरी तरह से सुरक्षित रहता है या नहीं, नहीं रहता क्योंकि आज भी डीआरएम पूरी तरह से सक्सेस फुल नहीं हो पाया है जिससे किसी भी डेटा कि पाइरेसी को शत प्रतिशत रोका जा सकें, लेकिन हां अगर किसी वीडियो में हाईलेवल का डीआरएम लगा रखा है तो पाइरेसी को रोक सकते हैं पर इसको करने में खर्चा बहुत ज्यादा आता है
आशा है जो आज Digital Right Management के बारे में जानकारी दी गई हैं वह आपको जरूर पसंद आई होगी अगर हां तो कमेंट करके जरूर बताएं धन्यवाद
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