टच टाइपिंग क्या है What is Touch Typing in Hindi
जब भी बिना कीबोर्ड देखे और बिना गलती किए जो टाइपिंग की जाती है उसे टच टाइपिंग कहा जाता है आपने बहुत सारे लोगों को देखा होगा कि वो केवल कंप्यूटर की स्क्रीन पर ध्यान देते हैं या फिर अगर कोई व्यक्ति उनके पास बैठकर बोलता है तो वह बोले हुए डेटा को टाइप कर देते है या वो फिर किसी किताब या किसी पेपर को देखकर भी टाइप कर देते हैं
टच टाइपिंग क्या है What is Touch Typing in Hindi
टच टाइपिंग ऐसा तरीका है जिसमें बिना कीबोर्ड की तरफ देखें टाइपिंग की जाती है, जैसे अगर My Computer लिखना हो तो वह बिना कीबोर्ड की तरफ देखकर लिखना होता है, इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि लोग फास्ट टाइपिंग देखकर इप्रेस होते हैं
अगर किसी व्यक्ति की टाइपिंग तेज होती है तो वह अपने बहुत से समय की बचत कर सकता है जैसे अगर किसी के साथ चैटिंग करनी है या ईमेल टाइप करना है या और कोई और काम करना है तो वहां टाइपिंग बहुत ज्यादा काम आती है, ज्यादातर नॉर्मल व्यक्ति कीबोर्ड की तरफ देखकर दो उंगलियों से टाइप करते हैं
टाइपिंग कैसे सीखें How to Learn Typing
टच टाइपिंग टाइप करने का एक स्टाइल होता है, जिसमें सीधे हाथ की पहली उँगली या इंडेक्स फिंगर को J पर रखा जाता है और उल्टे हाथ की पहली उँगली या इंडेक्स फिंगर को F पर रखते हैं और इसी तरह से पूरे कीबोर्ड का अनुमान लगाना होता है, स्टार्ट करने से पहले यह देखना होता है कि उंगलियां कहां पर रखी है, कीबोर्ड में उल्टे हाथ की उंगलियां ASDF पर रहती है और सीधे हाथ की उंगलियां ;LKJ पर रहती है
कीबोर्ड का ऊपर का और नीचे का जो लेआउट होता है वो भी इसी प्रकार से प्रैक्टिस करके याद करना होता है, अगर स्विफ्ट दबाकर किसी भी वर्ड को टच करते हैं तो वह Word Capital में टाइप होता है
अगर आप लोग टाइपिंग सिखना चाहते हैं या टाइपिंग स्पीड को बढाना चाहते हैं तो टाइपिंग मास्टर नाम का सॉफ्टवेयर डाउनलोड कर सकते हैं, ये सॉफ्टवेयर फ्री नहीं होता है इसमें सात दिन का फ्री ट्रायल दिया जाता है और उसके बाद उसे खरीदना होता है, तो सबसे पहले सात दिन का ट्रायल ले, अगर ट्रायल के बाद अच्छा लगे तो खरीदें ये टाइपिंग स्पीड बढ़ाने में मददगार साबित होता है
इस सॉफ्टवेयर में बहुत सारे लेसन दिए जाते हैं, इसमें सबसे पहले यह बताया जाता है कि उंगलियां कहां पर रखनी चाहिए, उसके बाद इसमें ASDF और ;LKJ की प्रैक्टिस करायी जाती है, उसके बाद और words और Lines की प्रैक्टिस कराई जाती है, इस सॉफ्टवेयर का सात दिन का ट्रायल लेने के बाद इस सॉफ्टवेयर की खूबियां समझ में आ जाती है
जब टाइपिंग करना शुरू की जाती है तो जो उंगली R पर होती है वही F पर होती है इसी प्रकार दूसरी उंगलियां काम करती है और देखा जाएं तो U को वह उंगली संभालती है जो J को संभालती है, इस सब चीजों को करने का कोई आसानी तरीका नहीं होता है, ये सब प्रैक्टिस से आती है जितनी ज्यादा प्रैक्टिस की जाती है उतनी ज्यादा
स्पीड बढ जाती है
इसमें एक बात का जरूर ध्यान रखना होता है कि जिस फिंगर का जो काम है वह काम उसी फिंगर से करना होता है अगर किसी दूसरी फिंगर से करने की कोशिश की जाती है तो टाइपिंग स्पीड भी नहीं बढती और गलतियां भी ज्यादा आती है, पहले Words को टाइप करने की प्रैक्टिस करनी होती है उसके बाद नंबरों की प्रैक्टिस करनी होती है
टाइपिंग की प्रैक्टिस कैसे करें How to Practice Typing
जब Word की प्रैक्टिस पूरी हो जाए तो टाइपिंग मास्टर में जाकर प्रैक्टिस कर सकते हैं, इससे यह पता चलता है कि टाइपिंग स्पीड कितनी बढी है और एक्यूरेसी कितनी हुई है, जैसे ही टच टाइपिंग को स्टार्ट किया जाता है तो टाइपिंग स्पीड कम हो जाती है क्योंकि पहले देखकर टाइप कर रहे होते हैं और जब बिना देखें टाइप किया जाता है तो स्पीड कम होती है
एक बात जरूर ध्यान दे अगर टच टाइपिंग करते समय स्पीड कम हो जाए तो घबराना नहीं लगातार प्रैक्टिस करते रहे, स्टार्ट करने के एक या दो हफ्ते बाद देखा जाएंगा कि टाइपिंग स्पीड तेजी से बढ रही है और कीबोर्ड की तरफ भी नहीं देखना पड़ रहा, इसी क्रम में जब लगातार प्रैक्टिस की जाती है तो स्पीड बढ़ती जाती है और एक समय ऐसा आता है जब बोलने पर भी टाइप कर सकते हैं
जब भी टाइपिंग की जाती है तो ऐसा नहीं होता कि स्पीड हमेशा एक जैसी रहे क्योंकि स्पीड इस बात पर डिपेंड करती है कि आप किस प्रकार का मैटर टाइप कर रहे हैं और अगर उसमें बडे-बडे Words है और मैटर कठिन है तो स्पीड कम भी हो सकती है और अगर मैटर आसान है तो स्पीड ज्यादा भी आ सकती है
टाइपिंग में एक्यूरेसी क्यों आवश्यक है Why is Accuracy Important in Typing
टाइपिंग करते समय एक्यूरेंसी का ध्यान जरूर रखें क्योंकि टाइपिंग में एक्यूरेंसी बहुत मायने रखती है, अगर स्पीड 50 वर्ड पर मिनट की है और गलतियां 10 आ रही है वहीं दूसरी तरफ अगर स्पीड 45 वर्ड पर मिनट की है और गलतियां 3 आ रही है तो 45 वर्ड पर मिनट की स्पीड ज्यादा अच्छी मानी जाएंगी क्योंकि Words को सही लिखने की एक्यूरेंसी ज्यादा है
जब गलतियां कम आती है तो टाइपिंग स्पीड आगे और अच्छी होती जाती है क्योंकि स्पीड प्रैक्टिस के साथ-साथ बढ़ती जाती है पर अगर एक्यूरेंसी पर ध्यान नहीं दिया जाता तो गलतियां हमेशा ज्यादा आती है
अगर टाइप करना सीख रहे हैं तो स्पीड पर ध्यान नहीं देना चाहिए केवल एक्यूरेंसी पर ध्यान देना होता है क्योंकि अगर एक्यूरेसी एक बार अच्छी आने लग गई तो स्पीड तो अपने आप बढ़ने लग जाती है, टाइप करते समय कीबोर्ड ऐसा होना चाहिए जिसकी Key Smooth हो, आजकल मार्केट में अच्छी क्वालिटी के बहुत सारे कीबोर्ड आ चुके हैं, अगर टाइपिंग स्पीड अच्छी होती है तो आसानी से पैसे कमाए जा सकते हैं
जब सोचकर टाइप किया जाता है तो टाइपिंग स्पीड ज्यादा आती है वहीं अगर किसी आर्टिकल को टाइप किया जाता है तो टाइपिंग स्पीड उतनी ज्यादा नहीं आती, टाइपिंग करने में बैठने की पोजीशन बहुत मायने रखती है इसलिए जब भी टाइपिंग करें तो हमेशा कमर को 90 डिग्री पर रखें और अपनी आंखों को केवल मॉनिटर पर रखे जिससे टाइपिंग स्पीड बेहतर हो जाएगी
इसी प्रकार से हिंदी टाइपिंग को सिखा जाता है क्योंकि आज जितने भी सरकारी काम होते हैं वो सभी हिंदी में होते हैं और वहां पर जितनी भी Vacancies सरकार के द्वारा निकाली जाती है उन सभी में हिंदी टाइपिंग मांगी जाती है इसलिए अंग्रेजी टाइपिंग के साथ-साथ हिंदी टाइपिंग भी आनी चाहिए क्योंकि इससे सरकारी नौकरियों के लिए Eligible हो जाते हैं
टच टाइपिंग के फायदे Advantages of Touch Typing
- अगर टाइपिंग अच्छी होती है तो सरकारी नौकरियों में फॉर्म भर सकते हैं या फिर सरकारी नौकरी न भी करना चाहे तो खुद का भी काम खोल सकते हैं जैसे किसी को टाइपिंग सीखना, फॉर्म भरना इत्यादि ऐसे बहुत से काम है किए जा सकते हैं
- टच टाइपिंग के जरिए आसानी से 60 से 70 वर्ड पर मिनट तक की स्पीड निकाल सकते हैं जिससे कोई भी काम आसानी से हो जाता है
आशा है जो टच टाइपिंग के बारे में जानकारी दी गई हैं वह आपको जरूर पसंद आई होगी अगर हां तो कमेंट करके जरूर बताएं
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